कोई तुमसे पूछे "कौन हूँ मैं"
तुम कह देना "कोई खास नहीं "
एक दोस्त है कच्चा-पक्का सा
एक झूठ है आधा सच्चा सा
जजबात को ढके एक पर्दा सा
शायद एक बहाना अच्छा सा.
जीवन का एक साथी ऐसा था
जो दूर रहकर भी पास नहीं
कोई तुमसे पूछे "कौन हूँ मैं"
तुम कह देना "कोई खास नहीं"
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