ये वादियाँ बहुत कुछ कहतीं है ...शायद किसी की याद ...शायद किसी रिश्ते की कहानी ....शायद किसी के दूर होने का एहसास .....
गूंजती है धड़कन की सदा तेरे लिए
मेरी आँखों में अबतक है नशा तेरे लिए
क्यूँ मेरे प्यार की आवाज नहीं तुम सुन सकते
तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुशबू से ते सारा घर महके
तुं घडी दो घडी जहाँ बैठे
वो जमीं महके वो सजल महके
वो परिंदा जिसे परवाज़ से फुर्सत ही नहीं था
अब अकेला है तो तो दीवार पे आ बैठा है
मैं आइने में अपनी तस्वीर पहचानता भी तो कैसे
हमेसा उसकी हीं तस्वीरें बनता रहा था मैं
अब कहाँ हूँ ,कहाँ नहीं हूँ मैं
जिस जगह था , वहां नहीं हूँ मैं
कौन आवाज दे रहा है मुझे
कोई कह दे वहां नहीं हूँ मैं
मय के टुटा हुआ सितारा हूँ
क्या बिगाड़ेगी अंजुमन मेरा
दस्त मेरा न ये चमन मेरा
मैं हवा हूँ, कहाँ वतन मेरा
रखी थी शहर की बुनियाद कैसे लोगों ने
ये कौन लोग हैं जिनमे भटक रही है हवा
शहर कुछ और था और अब तो ये हाल बाग़ का है
की पांव रखते हुए भी ठिठक जाती है हवा
ये दिल तुझे इतनी सिद्दत से चाहता क्यूँ है
हर सांस के साथ तेरा ही नाम आता क्यूँ है
तू कितना भी दूर मुझसे ताल्लुक कर कर
जिक्र phir भी तेरा मेरी जुवां पे आता क्यूँ है
हर पल में प्यार है
हर पल में ख़ुशी है
खो जाएँ तो यादें हैं
जी ले तो जिंदगी है
( तो जी क्यूँ न ले क्या पता कल हम हो न हों... क्या पता कल ये वादियाँ हो न हों )
गूंजती है धड़कन की सदा तेरे लिए
मेरी आँखों में अबतक है नशा तेरे लिए
क्यूँ मेरे प्यार की आवाज नहीं तुम सुन सकते
तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुशबू से ते सारा घर महके
तुं घडी दो घडी जहाँ बैठे
वो जमीं महके वो सजल महके
वो परिंदा जिसे परवाज़ से फुर्सत ही नहीं था
अब अकेला है तो तो दीवार पे आ बैठा है
मैं आइने में अपनी तस्वीर पहचानता भी तो कैसे
हमेसा उसकी हीं तस्वीरें बनता रहा था मैं
अब कहाँ हूँ ,कहाँ नहीं हूँ मैं
जिस जगह था , वहां नहीं हूँ मैं
कौन आवाज दे रहा है मुझे
कोई कह दे वहां नहीं हूँ मैं
मय के टुटा हुआ सितारा हूँ
क्या बिगाड़ेगी अंजुमन मेरा
दस्त मेरा न ये चमन मेरा
मैं हवा हूँ, कहाँ वतन मेरा
रखी थी शहर की बुनियाद कैसे लोगों ने
ये कौन लोग हैं जिनमे भटक रही है हवा
शहर कुछ और था और अब तो ये हाल बाग़ का है
की पांव रखते हुए भी ठिठक जाती है हवा
ये दिल तुझे इतनी सिद्दत से चाहता क्यूँ है
हर सांस के साथ तेरा ही नाम आता क्यूँ है
तू कितना भी दूर मुझसे ताल्लुक कर कर
जिक्र phir भी तेरा मेरी जुवां पे आता क्यूँ है
हर पल में प्यार है
हर पल में ख़ुशी है
खो जाएँ तो यादें हैं
जी ले तो जिंदगी है
( तो जी क्यूँ न ले क्या पता कल हम हो न हों... क्या पता कल ये वादियाँ हो न हों )