July 13, 2009

सामानांतर रेखाएं हैं हम.......!!!


हुम दोनों जानते है एक दूश्रे को,

सायद सदियो से,

फिर भी जाने क्यूँ लगता है मुझे,

की हम दोनों सामानांतर रेखाए है- एक जोड़ी,

एक के बिना दूशरा बिल्कुल अधुरा !!

पर सायद यह एक फ़साना ही हैं,

एक ऐय्सा अंजन फ़साना,

जो वास्ताबिकता से बिल्कुल परे है,

बार बार सूचता हूँ-

आख़िर क्यूँ है यह दूरी,

क्यूँ तोड़ देरी वो फश्ले वो मजबूरी

और सहसः कह उठती हो तुम-

``यह मजबूरी नही ,क्दूरी नही``

यह तो अमरता है हमारे पवित्र प्यार की,

जो है दुनिया से बिल्कुल आंचा-बिल्कुल अंजना,

मैं भी सूचता हूँ-

ठीक ही तो कहती हो तुम

बिल्कुल ठीक कहती हो सायद,

यह तड़पन, यह धड़कन क्या कम है,

जो प्यासे है तेरी एक झलक को,

आख़िर इस से ही तो तेरी यादें जूडी है,

रातो की वो सारी बातें जूडी है,

जुदा है एक प्यारा सा `प्रकाश`जिसकी रौशनी

कभी मद्धम नही होगी,

-----ONLY4MYLOVE----------

No comments: