July 13, 2009



मैं साधारण व्यक्ति हूं ,
मेरे पास कोई करिश्मा नहीऔर न हीं मैं कोई करिश्मे मैं विस्वास करता
मैं किसी विधि मैं विस्वास नही करता
बाबजूद इसके की मैं उसका उपयोग करता हूं.
मैं उसमे विस्वास नही करता,
मैं स्वाभाविक व्यक्ति हूं,बहुत हीं साधारण,
मैं भीड़ मैं खो सकता हूं,
और तुम मुझे ढूंढ़ भी नही पायोगे,
इसलिए मैं तुम्हारा नेतृतव नही करता ,
मैं तूम्हारे साथ चल सकता हूं,
मैं तुम्हारा हाथ पकड सकता हूं,
मैं तुम्हारा मित्र हो सकता
हूं.

3 comments:

प्रकाश गोविंद said...

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !


हार्दिक शुभकामनायें



कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स


आज की आवाज

डिम्पल मल्होत्रा said...

yaha sab aam admi hai..beed me khone pe sab ek jaise dikhte hai...sunder vichar,...

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan