July 13, 2009

कितना अलग हूँ मैं


कभी अनायास जब मन उदास होता है,

एक अजीब सी धड़कन दिल मैं उठती है,

मुझे पता नही सायद कुछ पूछती है,

बड़ी शान्ति मिलती है मुझे उस वक्त ,

एक बड़ी ही अजीब शान्ति !!

तब सोचता हूँ--

कितना अजीब हूँ मैं भी
-- "udasi" और "शान्ति"

दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नही,

फिर भी लगता है जाने मुझे क्यूँ,

ye दोनों पूरक हैं एक दुसरे के,

और मजबूत हो जाता हूँ मैं,

अजीब लगता है-----

उदाशी--शान्ति--मजबूती,

इतना मजबूत इतना शांत, जैसे प्रशांत,

और हँसी आ जाती है मुझे अचानक

क्या बाकई मैं भी,

आपनी दिल की लहरों को ,

दे सकूँगा मजबूती इतना,

की छाप छोड़ सके,

धड़कने मेरी- खावों मेरी,

समय की रेत पर,

क्या होगी शक्ति इतनी,

मेरी लहरों में की,

तट पर पहुँच कर ये टूटें नही,

छु जाए असमान को !!!!!

No comments: